सहर तू मुस्कुराए तो ज़िन्दगी धूप बनती है जुगनू बन अंधेरों में तू अक्सर नूर छनती है तू कामिल चाँद है चाशनी, चाँदी की चमचम है शबनम की खनक है जो वो तेरी छम छम है धनक बन कर के तू ही तो अंबर पर तनती है सहर तू मुस्कुराए तो ज़िन्दगी धूप बनती है #सहर #kavishala #hindinama #tassavuf #skand