*#Continuing* फिर से वही पिंजरा, फिर वही सलाखें हैं, बैचैन हो कर बाहर निहारती, मेरी आँखें हैं, वही सिलसिला है तानों का, वही बातें पुरानी है, वही ज़ख्म हैं, फिर खुद को दोहरा रही कहानी है, एक बार तोड़ चुका हूँ ये सलाखें, फिर से ताकत लगाऊंगा, एक जंग हारा हूँ, हिम्मत नहीं, बात ये बेड़ियों को भी समझाऊंगा, उम्मीद की किरण की खातिर जो रुका तो खुद से भी हार जाऊंगा, नहीं कोशिश की अभी से, तो फिर एक बार, सिर्फ इंतजार पाऊंगा, बर्बादी की सीख से बनाकर हथौड़ा, इस पिंजरे को मैं तोड़ डालूंगा, अब अगर किस्मत भी आई आड़े, तो उसका भी रुख़ मैं मोड़ डालूंगा। By:-© Saket Ranjan Shukla IG:- @my_pen_my_strength फिर से वही पिंजरा, फिर वही सलाखें हैं…! #life #struggle #motivation #destiny #prison #mindprison #my_pen_my_strength