बेरोज़गारी, मँहगाई से बड़ा मुद्दा बन रहा है, जीवनयापन साधन हाथ से निकल रहा है ! सरकारी महकमों में भर्तियां है ही लंबित, निजी क्षेत्रों में छँटनी उपक्रम चल रहा है !! युवा जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहता है, उसे निठल्ला बनना हरगिज़ नहीं सुहाता है ! पढ़ लिख के उम्मीद बांधने में क्या गलत, उसके साथ खिलवाड़ क्यूं होता जाता है !! परोसी हुई थाली, या मुँह तक आया निवाला, जब भी छीनी जाती, छीन के जाता निकाला ! दिल दिमाग़ ही नहीं, रूह भी हो जाती आहत, युवाओं के अरमानों पे डाका क्यूं जा रहा डाला !! हे राम... #agniveer #employment #jobs #jobseekers #aaveshvaani #janmannkibaat