रिश्ते रेशम जैसे नहीं होने चाहिए बल्कि सूत के डोरी जैसे हो, रेशम के बंधन वक़्त के साथ ढ़ीले होकर खुल जाते है …सूत जकड़े रहता है अपने सिरे को कसकर और छूटता भी है तो एक उम्र के साथ गलकर…ख़त्म होकर…! Risto k saare mnzr chup chap dekhta hoon #rishte_ki_dorr