समंदर को कांच सा टूटने का कोई हक नहीं.... हदों से परे हाल-ए-ज़मीन देखने का कोई हक नहीं.... बाहों में इसकी सिवा ख़ामोश लहरों के और कुछ भी नहीं, इसे फिज़ाओं सा बहकने का कोई हक नहीं.... #समंदर #कोई_हक_नहीं # #टूटने #हदें #फिजाएं #बहकने #शायर_ए_बदनाम