सतरंज बिछी है चौसर की तुम हिम्मत साधे खड़े रहो। इतिहास याद कर के तुम भी हे प्रिय युधिष्ठिर चले रहो। सारी विपक्ष की चालें भी बस मामा शकुनी वाली हैं। द्रोपदी भाँति ही अबकी से ये सत्ता लगने वाली है। तुम गर लालसा ना त्याग सके तो बाज़ी हार भी सकते हो। गर सयंम धारण कर लोगे तो उन्हें मार भी सकते हो। ये युद्ध नही है बहुत बड़ा पर महायुद्ध हो सकता है गर कर लोगे मन मे निश्चित तो पाप, शुद्ध हो सकता है। सत्ता को बदने से पहले मन का भी बुद्धि प्रसार करो। पासों का पूरा अध्यन हो तब जाके तुम प्रतिकार करो। गर चूक हुई थोड़ी सी भी यूँ स्वयं घात मिल सकता है चौसर है क्रमशः बिछी हुई अज्ञातवास मिल सकता है। ये तुमको निश्चित करना है कि कितना दांव लगाना है। गर हार गए तुम ये बाज़ी तो चीरहरण हो जाना है। #NojotoQuote राजनीति की महाभरत🙏