बंध झरोखें और तन्हा मैं शोर करती दीवारें,विरह में खत पुराने, बिखरे हुए है दर्द भी ,गुमनाम से एक आईना, मुझे देखा किये होश भी ,बहके हुए कोई इश्क़ की हो राख़ तो कर अलविदा,बहा दीजिये सोचे यही मेरा अक्स क्यों ये ज़िन्दगी ,किस के लिए ये ज़िन्दगी ,रुक्सत कीजिये ©paras Dlonelystar ये ज़िन्दगी,किस के लिए #जिंदगी #झरोखे #तन्हाई #इश्क़ #lonely