ये ख़ामोशी तुम जहन से निकाल दो पास हूँ मैं हर पल तुम्हारे बस इतना जान लो मुनासिब है अश्कों का यूँ छलक जाना डरो नहीं जबीं को ज़रा मेरे कंधो पे सुला दो मौसम भी खूब सुहानी यादें बनायेगी दुनियां जहांन भूल आओ हम कुछ नज्म़ ग़जल कर जाए एक दिवसीय रिश्ता नहीं हमारा जानी तुम इसे मेरी सांसों से पहचान लो बेशक कुछ दूर संभालना होगा तुम्हें ये सफर हमारा है एकदूसरे को थाम आगे बढ़ना है याद रखो पाक लहजे से बनाया है आशियां इश्क की हिज्र की बू तक ना आ सकेगी इस डोर बेफिक्र तुम आसमां को उम्मीदों से नाप लो ये ख़ामोशी तुम जहन से निकाल दो पास हूँ मैं हर पल तुम्हारे बस इतना जान लो Dedicating a #testimonial to 𝘼𝙡𝙮𝙨𝙝𝙖 𝙎𝙞𝙧𝙢𝙤𝙪𝙧✯ ये ख़ामोशी तुम जहन से निकाल दो पास हूँ मैं हर पल तुम्हारे बस इतना जान लो मुनासिब है अश्कों का यूँ छलक जाना डरो नहीं जबीं को ज़रा मेरे कंधो पे सुला दो मौसम भी खूब सुहानी यादें बनायेगी दुनियां जहांन भूल आओ हम कुछ नज्म़ ग़जल कर जाए