एक शायर कभी कैद नहीं हो सकता कोई कफस जकड़ नहीं सकता उसे वो..बंधी सोच की सलाखों को हर्फ़ों से पिघलाकर दूर निकल जाता है कहीं बैठकर माज़ी के कांधो पर और अतीत के दुःखड़ों की आड़ में करता है सवारी शेरों की फिर कभी किसी नज्म को लबों पर रखकर बांटता है नेमतें मोहब्बत की और कभी रौबदार ग़जलों के जरिए बात मुस्तक़बिल की भी करता है.. बैठे-बैठे किसी शहर के किसी वीरान कमरे में बदल दिया करता है अक्सर पोशाकें वक़्त की और उसे शर्म भी नहीं आती! वो देखता है आसमां में समंदर सितारों का उस पर लहराती अधूरे चाँद की कश्ती खाती हिचकोले घटती बढ़ती और हो जाती गायब अमावस की शब में.. कई दफा वो रिवायतें पलट देता है ज़िन्दगी का गिरेबां जोर से झटककर छीन लेता है किरचियां कहकहों की झपटकर वो कागज को बनाकर कलम का आश्ना उड़ता रहता है इधर-उधर यहाँ-वहाँ एक शायर कभी कैद नहीं हो सकता वो आजाद है हमेशा.. हमेशा के लिए.. ©KaushalAlmora YQ पर पहला साल रहा बेमिसाल.. मुझे झेलने के लिए सभी का शुक्रिया बहुत आभार.. keep smiling keep loving keep hating keep writing etc💐💐 #शायर #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yqdidi #yqbaba #कफस