सोच का सागर जो हर पल में रहता अब कही न कही तो भटक सा गया हैं मन हैं जो कहीं लगता था इक वक़्त पता नही किस मोड़ पर अटक सा गया हैं उलझनें जो हैं खुद के दिल मे अब कही न कही वो अब ठहर सा गया हैं कह देते थे बातें जो अल्फ़ाज़ों में बयां न जाने अब वो किस दुनिया मे खो गया हैं पहले थे जो सुलझे से लगते थे वक़्त वो भी कही ना कही तो उलझ सा गया हैं फ़ैसले जो करते थे सही और गलत के अब ज़ज़्बात भी वो अब सिमट सा गया हैं लिखावट पढ़के जो समझ लेते थे एहसास अब लगता हैं वो मन के इक कोने में सो सा गया हैं #yourquote #yourlife #yourdream #yourpeace #yourlove