इंतज़ार आज तक ना जाने किसका है दिल का बेचैनियों से ये कैसा रिश्ता है याद आती है तेरी तू नहीं आता अश्कों का आंखों से ये कैसा रिश्ता है हाल-ए-दिल सुनाएं तो किसको सुनाएं बरबादियों का मुझसे ये कैसा रिश्ता है तेरी ही ज़ुस्तज़ु है तेरा ही फ़साना है दिल का तेरी धड़कनो से ये कैसा रिश्ता है तुम आओ या ना आओ ए जानां जिंदगी का मेरी तुम से ये कैसा रिश्ता है #इंतज़ार#अश्क#जानां#दिल#ग़ज़ल#poetry#nojotohindi#nojotoapp#nojotopost