था खुद में ही जो मैं Incorrect ज़रा-सा अब Correct हो चला हूं निकालकर कुछ वक्त अपने लिए दुनिया से Disconnect होकर खुद से Connect हो चला हूं बहुत बारी किया गया हूं मैं Left Swipe कुछ ताने तो मैं भी Accept करता चला हूं पर अब कोई चाहकर भी न कर सके मुझे Reject अब से तो मैं सिर्फ़ खुद के लिए ही Select हो चला हूं ख्वाहिश नहीं मुझे अब किसी के Attention की स्वयम् मेरी ही आंखो में खुद की Respect लिए चला हूं क्यूं करूं ? मैं अब किसी और से मुक़ाबला भला ! हां ? जब ख़ुद की ही जंग में, मैं खुद से Best होने चला हूं ©Durgesh Jayam #dkpatelpoetry #durgeshjayam #OurRights