शब-ओ-सहर याद तिरी सताए जा रही है, तिरी ख़ामोशी अब मुझें भी खाए जा रही है, गुफ़्तगू जो होती थी मुर्शीद मिरी उस से, नीम-शब के किस्से वो मिरे खाए जा रही है, काँटा बनकर आँखों में चुभता रहा रातभर, दरिया आँखों का अपना वो बहाय जा रही है, हयात-ए-क़िरदार मिरा वो अब रहा नहीं, अब लफ्ज़ों में जिक्र मिरा वो खाए जा रही है, कैसे करें हल तिरी परेशानियों का कुमार, जेहन को बस बात ये दिन-रात खाए जा रहीं है, ©Kumar #Hopeless #nojotowriters #Nojotoindia gokul Amita Tiwari roli yadav Praveen Jain "पल्लव" Monika rathee sheetal pandya मेरे शब्द indira 🤗dnyaneshwari gulewad🤗 #कवि_राहुल_पाल