दिलवालों की दुल्हनियां के ख़्वाब वो एक लड़की जो कभी कभी अपने सपनों के राजकुमार के बारे में सोचती है, मैं उसके उस ख्वाबों और ख्यालों से मिलता जुलता तो नहीं पर उसके सपनें मेरे लिए अनमोल है। कभी लगता है कि कह दूं उसे जाकर की बड़ी बड़ी शहरों में भी अक्सर ऐसे इत्तेफ़ाक़ कुछ इस तरह ही हो जाते है, कि आप जिसको ठूंठते है अपने ख्वाबों में वो अक्सर आपके सामने ही तो होते है। ना जाने कब हमारी यह बात उनको समझ में आएगी कि रिश्ता दिल से होता है, बस फिर सपनें तो वो अनमोल उपहार है जो खुदा ने हमें मिलाने के लिए दिखाएं होते है। दिलवालों की दुल्हनियां की कहानी, यह बात जऱा बेहद ही खास है क्योंकि यहा पर हम बात करने जा रहे है 1990 दशक की लड़कियों के कुछ ख़ास ख्वाबों के बारे में, जो अक्सर ऐसा ही सोचती रहती है अपने जीवनसाथी के बारे में, क्योंकि हमारी हिन्दी फिल्मों में कुछ इस तरह से ही बताया गया है। अक्सर लड़की की राय या पसंद का कोई ख्याल नहीं करता है बस घर के बुजुर्गोंने मिलके सोच लिया, वहां ही लड़की की शादी करा दी जाती है और फिर वहीं से उसका सबकुछ बन जाता है। आपके माता-पिता की शादी भी कुछ इस तरह ही होती है, अगर कुछ ज्यादा जानने की इच्छा हो तो कृपया एक बार उनसे पूछ लिजीए या फिर उनकी तस्वीरें किसी संबंधी या परिचित के घर हो तो खुद ही जांच लेना है। #डीडीऐलजे #1990 #शादीकेतरीके #रीति_रिवाज #दो_परिवारों_का_मिलन #अनोखा_बंधन #प्यार_का_एहसास #प्यार_भरे_लम्हे #हसींमजाक