चिंटू,पप्पू,भोला की छुटियाँ मौजमस्ती में पल में गई बीत, देखते-देखते ठिठुरन भरा परीक्षाओं का माह आ गया शीत, समय का करते आदर,परीक्षा में याद न आते गॉड-फादर, इसलिए बच्चों समय का करो मान, व्यर्थ करो न व्यतीत। साहित्य कक्ष 2.0 प्रतियोगिता संख्या 09/S2 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में ✍️चार(4) पंक्ति में (शायरी/मुक्तक) लिखें 🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई रचनाकार नियमों और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। तो उसकी रचना को हम प्रतियोगिता में सम्मिलित करने में असमर्थ रहेंगे।