कभी कभी इन्शान को जिन्दगी में उन सब परिस्थितियों का सामना करना पड़ जाता है जिनके बारे में उसने कभी सोचा भी ना हो,''ऐसा मैंने सुना था पर पिछले कुछ समय से यही सब महशूस कर रहा हूँ,जिन्दगी बड़े ही नाज़ुक से मोड़ से होकर गुजर रही है,परिस्थितियां असमान है। ज़िन्दगी एक ऐसे तिराहे पर आकर खड़ी है,जहाँ एक रास्ता दाएँ तरह एक बाई तरह तो एक रास्ता सामने से जा रहा है मैं यदि दाएँ वाले रास्ते पर जाता हूँ, तो वहाँ मुझे मानो हाथ पकड़कर लेकर चला जायेगा,वहाँ चलने में ठहरने में मेरी कोई अपनी मर्जी नही होगी,अपनी मर्जी से ठहर या चल नही सकता,मुझे बस चले जाना होगा,वैसे रास्ता बिल्कुल सीधा ओर साफ है। मैं यदि बायें रास्ते पर जाता हूँ, तो वहाँ प्रतिनिधित्व मेरा होगा,अपने साथ और भी बहोत सी जिम्मेदारीयां मेरी होंगी,इस रास्ते पर आने के बाद दाएँ और सामने वाले दोनों रास्ते पूर्णरूप से बन्द होंगे भविष्य में इन दोनों रास्तों की तरफ कभी नही देख पाऊँगा,और यह रस्ता काफी मोड़ भरा है। और अब जो सामने वाला रास्ता है, वहाँ सिर्फ मैं हूँ,बिल्कुल अकेला सारे फैसले मेरे