ज्यादा भाव मत खाओ खुद को इतनी ऊंचाई पे खड़ा न कीजिए। न मिले ज़मीन गिरने पर बदन टिकाने को। हमें भी आदत नहीं किसी की बात सुनने की, पर थोड़ा मजबूर हो जाते हैं रिश्ता बचाने को। हां, आपने कह दिया है मुंह खोल करके जो पूरा करूंगा उसे आपके सुकून की खातिर। गम नहीं होता मुझे अब किसी के जाने का, जाना है सबको छोड़कर, एक दिन आख़िर।। #situational #situationteller