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"कल्याणी नारी" कौन कहता है वो केवल मूरत के बसती है

"कल्याणी नारी"
कौन कहता है वो केवल मूरत के बसती है?
माँ हर कल्याणी नारी की सूरत में बसती है।।

वो धरा में बसती है, जल-धारा में बसती है,
वो बरखा में बसती है,बहारा में बसती है।
वो पर्वत में बसती है,अरण्यों में बसती है,
वो अम्बर और अग्नि-अंगारा में बसती है।
वही सांझ और सुबह के मुहूर्त में बसती है।।
कौन कहता है वो केवल मूरत में बसती है?
....Read the caption कल्याणी नारी
...
संतान को संस्कार जो सिखाया करती है,
वो किरदार शिक्षिका का भी निभाया करती है।
वो नृत्य, सुर-सरगम भी सजाया करती है,
वो शिल्प,चित्रकलाकर भी बन जाया करती है।
वीणावादिनी उस नारी की सीरत में बसती है।।
कौन कहता है वो केवल मूरत में बसती है?
"कल्याणी नारी"
कौन कहता है वो केवल मूरत के बसती है?
माँ हर कल्याणी नारी की सूरत में बसती है।।

वो धरा में बसती है, जल-धारा में बसती है,
वो बरखा में बसती है,बहारा में बसती है।
वो पर्वत में बसती है,अरण्यों में बसती है,
वो अम्बर और अग्नि-अंगारा में बसती है।
वही सांझ और सुबह के मुहूर्त में बसती है।।
कौन कहता है वो केवल मूरत में बसती है?
....Read the caption कल्याणी नारी
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संतान को संस्कार जो सिखाया करती है,
वो किरदार शिक्षिका का भी निभाया करती है।
वो नृत्य, सुर-सरगम भी सजाया करती है,
वो शिल्प,चित्रकलाकर भी बन जाया करती है।
वीणावादिनी उस नारी की सीरत में बसती है।।
कौन कहता है वो केवल मूरत में बसती है?