हमें क्या फर्क पड़ता है, हमें क्या फर्क पड़ता है, अगर आज कोई ठोकर खाता हैं, कोई गड्डे में गिर जाता हैं, अरे भाई इसी से तो ही वोट बैंक बनता हैंI हमें क्या फर्क पड़ता है, अगर दो माले की बिल्डिंग 20 माले का होता हैं, चाहे उस बिल्डिंग में दबकर लोग मरता हैं, पर भाई पैसा तो उधर से ही मिलता हैंI हमें क्या फर्क पड़ता हैं, कोई भूखा मरता हैं, या कचरा प्लास्टिक खाता हैं, यार नेता है हमारा पेट तो भर जाता हैंI Writer Akash✍️ #व्यंग्य