हक़ीक़त के अंधकार से भला हमें मन में जगमगाते ख़्वाब के उम्मीद के दीये भले लगते हैं, हक़ीक़त में तो नामुमकिनता के तूफां से दीया अक्सर उम्मीद का बुझ जाने भय मन में बना रहता है, मगर ये जो ख़्वाबों का दीया होता है न अगर ये बुझ भी जाता है तो नई उम्मीद के प्रति मन को उत्साहित कर फिर उम्मीद का दीया प्रज्ज्वलित हो जाता है, जिसकी जीवन भर अंत समय तक जगमगाहट कायम मन में हमेशा रहती है,हक़ीक़त के अंधकारमय जीवन से भली हमें लगती है, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1104 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।