एक प्लेट में हो कॉफी.. एक कप में चंद बिस्किट.. एक दिन का वह पहर हो.. जो तुझे मुझे मिला दे.. तुझे लेकर मैं चलूंगा.. उन दूर पर्वतों पर.. जहां तुझसे मैं कहूंगा.. चल अब यहीं ठहर जा.. हम मिलकर एक घर को.. कर देंगे फिर मुकम्मल.. जिसमें तू मेरी होगी.. और बस मैं तेरा रहूंगा.. ना कोई बंदिशे रहेंगी.. ना कोई बेड़ियां रहेंगी.. बस मैं तेरा रहूंगा.. और तू मेरी रहेगी.. Shan Siddiqui Sourish Acharjya Purnima Rai Sangita Gupta Prativa Giri #ik_plate_coffee