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आई बूंदों की रानी बरखा सुहानी आओ कि आँगन में खेल



आई बूंदों की रानी बरखा सुहानी
आओ कि आँगन में खेलेंगे हम।

झूले भी होंगे पोखर भी होगा
सुंदर उपवन गाँव में होगा।

पानी की छपछप,कागज की कश्ती
मेंढक भी अपनी बैठा नाव में होगा।

छत पर मिलेंगे,भीगेगा तन मन
हमारा आँचल भी गीला गीला होगा।

टपटप सी छत कुछ कच्चे घरों की
भीनी सी खुशबू से आँगन नहाया होगा।

©V. Aaraadhyaa
  #बरखा रानी
vaaradhya2245

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#बरखा रानी #शायरी

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