ज़िंदगी तेरी है, इसे बर्बाद ना कर, वक़्त यूँ निकलता जा रहा है रुलाया ना करो ख़ुद को, दिल तुम्हारा दर्द मेें सिमटा जा रहा है आँख मेें भर कर आँसू, चलता है किस गली मुसाफ़िर बनकर तू ना छिप, ना शिकायत कर तू, ज़ज्बात बेवज़ह बहाया जा रहा है ना रो जिन्हें परवाह नहीं, मन में तेरे दर्द के लिए कोई आह नहीं नज़र उठा चलता रह, मंज़िल का रख भाव और कोई चाह नहीं ओर रिश्ते प्रपंच मात्र, हर रिश्तों मेें बड़ा बस माँ बाप का प्यार उनके सपने आँखों मेें सजा, यूँ तेरा और किसी से सरोकार नहीं ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1080 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।