#यादों_के_झरोखे से गुज़रे लमहे फिर याद आए, जो दर्द आज भी देते है, मैं जब भी उसको याद किया, वो जीवन का पल था हसीन, या दर्द का ताना-बाना था, जो वक़्त गुज़ारे उसके साथ, वो पल ही हो गया दर्द मेरा, वो दर्द लिए अब जीता हूं, अब भी उसको मैं पीता हूं, रग-रग में वही समाहित है, वो हीं मेरी परछाई है, साया छोड़ा नही साथ कभी, कैसे छोडूं मैं याद तेरी.! #अजय57 #बज़्म