संस्कारों की चादर ओढ़, ससुराल से धागा जोड़ आई शौक़ गठरी में बांध,बाबुल के आंचल में छोड़ आई. #ससुराल #मायका #बाबुल तेरी आंचल की एक नन्ही चिड़िया हूं,रात भर का मेला है,सवेरे उड़ जाना है #बाबुल_का_घर #yqdeeplove #tulikagarg