रातों में सपनों का आना बंद हुआ है, काली काली रातों में अब तुमको बताऊं क्या, इन भीगीसी बरसातों में मन तुम को याद कर जब ,दर्द दर्पण सा दिखाता तब नयन में आंसू की धारा ,बहती है केवल रातों में सपनों का आना बंद हुआ है, काली काली रातों में तुमसे मिलना कुछ यूं तकना, खामोश मूरत सा बन कर रहना, वो दिन भी कितने अच्छे थे ,जब आंखों से था पढ़ लेना तुमको क्या बताऊं मैं, जीता मरता हूं रातों में सपनों का आना बंद हुआ है ,इन काली काली रातों में © #लव #Love #teuelove #पहला #पहला_प्यार #जिन्दगी #प्रेम #Prem