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कितने निकम्मे हो चले है हम अब, ख़्वाबों में भी उन्ह

कितने निकम्मे हो चले है हम अब,
ख़्वाबों में भी उन्हें ढूंढ नही पाते,

चाहते है बस उन्हें पाना,
पर खुली आँखों से भी खुद को पहचान नही पाते,

चाहते है आसमान की ऊंचाइयों को छूना,
पर दिल की गहराईओं मैं खो जाते है

चाहते है परिंदे की तरह उड़ना,
पर अपनी ही बेबसी मैं कैद है

जाना चाहते है उनके करीब,
पर उनसे उतना ही दूर हो जाते है




-Manku Allahabadi निकम्मा!!
#Nikamma #useless #numb #Silence #dark #intense #dumb
कितने निकम्मे हो चले है हम अब,
ख़्वाबों में भी उन्हें ढूंढ नही पाते,

चाहते है बस उन्हें पाना,
पर खुली आँखों से भी खुद को पहचान नही पाते,

चाहते है आसमान की ऊंचाइयों को छूना,
पर दिल की गहराईओं मैं खो जाते है

चाहते है परिंदे की तरह उड़ना,
पर अपनी ही बेबसी मैं कैद है

जाना चाहते है उनके करीब,
पर उनसे उतना ही दूर हो जाते है




-Manku Allahabadi निकम्मा!!
#Nikamma #useless #numb #Silence #dark #intense #dumb