यूँ तो लम्बी कतारों में शामिल भी हुआ, मेरा दर्द आँखों से बेशक जाहिर भी हुआ, मैं खुली किताब सा ही रह गया उम्र भर, राज़ भी राज़ रहा और राज़ ही जाहिर भी हुआ, यूँ जो लगकर गले लोगों ने गला काटने की कोशिश की, मैं उन लोगों से भी यार बनकर हाज़िर भी रहा, कातिल हैं कई ढेर सारे मेरे ,मैं ज़िन्दा हूँ मगर,, शायद इसलिए ही कोई भी कातिल ,कातिल साबित ना हुआ, अज़ीब है कहानी मेरी मैं बेहद ही सरल शख्स हूँ, सब कुछ लिख भी दिया मैंने, और कुछ भी ज़ाहिर ना हुआ। ©Pràteek Siñgh ज़ाहिर होकर भी कुछ अब तक ज़ाहिर ना हुआ......🙁 #Nojoto #Life_experience #ज़ाहिर #Goodevening