हर सुबह शाम से ये कहती है तू छिपा लेना दर्द सारे मेरे कि और किसी को ख़बर न हो शाम कहती है छिपा तो लूं मैं तेरे सारे दर्द पर ये बता कब तक ख़बर तो होगी ही किसी ना किसी को पर तेरा हाल पूछता ही कौन है तू अपने ज़ख्मों पे खुद ही मरहम लगा रही है और दुनियां तेरे ज़ख्म भरने ही कहा देती हैं ।। ज़रूरी नहीं ज़िन्दगी जीने के लिए हमें किसी के सहारे की ही जरूरत हो बल्कि हमें ज़िन्दगी के सफ़र में उस हौसले की जरूरत होती है जिससे हम टूट के बिखरने और हताश होने से सम्भल जाए #pushyourself #motivateyourself #yqdiary #followme #likesharecomment