तुम्हे एक बात कहनी थी याद थे तुम्हे मेरे हर अल्फ़ाज़ खत के देख चंद में तेरी सूरत जो लिखे थे छत पे हवा का वो झोंक जो तेरी महक लाता था जिसके छूने से मेरा सारा बदन बहक जाता था उन रातों की भी अपनी एक कहानी थी सुनो, तुम्हे एक बात कहानी थी वो भीगना बारिशों में साथ साथ, और हाथ रहे मेरा थामे तेरा हाथ, पानी मे वो कागज़ की कश्ती बहाना बेवजह तेरी जुल्फों से खेलना, उन बूंदों को अपनी एक जुबानी थी सुनो, तुम्हे एक बात कहनी थी तुम्हें इक बात कहनी थी... #एकबातकहनीथी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi