चिंतन :_ रूढ़िवादीता आजादी से पहले का भारत और आजादी के बाद का भारत, बहुत कुछ बदल गया । हमारे तौर-तरीके, खानपान, दिनचर्या सब बदल गई है । हम विकास की अंतिम अवस्था में है, पर फ़िर भी अभी तक हम रूढ़िवादी विचारों से ग्रसित है । इन्हीं रूढ़िवादी विचारों से महिलाओं की स्थिति आज तक सुधर नहीं पाई । बेटीयाँ अभिशाप है ? बिना बेटे के हम मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकते ? बेटे ही बुढ़ापे का सहारा है? अन्य कहीं प्रचलित मान्यताए है जो मानव को मानवता से दूर कर देती है । इन्हीं रूढ़िवादी "विचारों" से हम आज भी विश्व से पीछे है । हम इन रूढ़िवादी विचारों से बाहर आएंगे, और अपनी सोच बदलेंगे तो देश बदलेगा । हम एक नवीन समाज का निर्माण करेंगे, जहाँ सब खुश रहेंगे, सबको बराबर अधिकार मिलेगा। #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #रूढ़िवादी_समाज #collabwithकोराकाग़ज़ #kkpc19 चिंतन :_ रूढ़िवादीता आजादी से पहले का भारत और आजादी के बाद का भारत, बहुत कुछ बदल गया । हमारे तौर-तरीके, खानपान, दिनचर्या सब बदल गई है । हम विकास की अंतिम अवस्था में है, पर फ़िर भी अभी तक हम रूढ़िवादी विचारों से ग्रसित है । इन्हीं रूढ़िवादी विचारों से महिलाओं की स्थिति आज तक सुधर नहीं पाई । बेटीयाँ अभिशाप है ? बिना बेटे के हम मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकते ? बेटे ही बुढ़ापे का सहारा है? अन्य कहीं प्रचलित मान्यताए है जो मानव को मानवता से दूर कर देती है ।