चीख़ कर सुनाई, वो बात अलविदा जाग कर बिताई, वो रात अलविदा अलविदा मगरूरियत, ज़माने की अल्विदा फ़ेहरिस्त वो, बहाने की फिर ना मिले वो, मुलाक़ात अलविदा दिल में ना रह पाई, कायनात अविदा अलविदा चोट खाई, दीवारों को अलविदा दुश्मन बने, यारों को भीड़ वाली, वो बारात अलविदा बस शुरू होती, शुरुआत अलविदा अलविदा हाँ में हाँ मिलाने वालों को अलविदा जन्नत दिखाने वालों को नस्ल भेद भाव मेरी जात अलविदा खोखकले सारे वो ख़यालात अलविदा अलविदा सरकार बनी सरकारों को अलविदा लाचार बने बेचारों को “वाह” का खेल ये मार काट अलविदा बस धर्म सिखाते हज़रात अलविदा अलविदा साहब की, जीहज़ूरी को अलविदा हर बात पर, मंज़ूरी को जो दी बिन माँगे, ख़ैरात अलविदा जो झाँकते मेरी औक़ात अलविदा #अलविदा_2019 #वत्स #dsvatsa #illiteratepoet #yqdidi #yqhindi #happynewyear चीख़ कर सुनाई, वो बात अलविदा जाग कर बिताई, वो रात अलविदा अलविदा मगरूरियत, ज़माने की अल्विदा फ़ेहरिस्त वो, बहाने की