जब मन भर आए औरो के दिल भरने से फिर लेकर दिल कभी सब्र में आ जाना ! क्या खबर कितनी शब-ए-हिज्र गुजारी है मैने कभी होकर किस्सा मेरे जिक्र में आ जाना !! वैसे तो हर सुबह मेरी , तेरे नाम के कुछ पन्ने भरने से होती है ! कभी इस कलम की स्याही सूख जाए तो लेकर फूल कब्र पे आ जाना !! #बस_आ_जाना 😢