इन बूढ़े आंखों ने देखे हैं तारे हजार। बहुत से अच्छे बुरे नज़ारे हजार।। इनकी इल्मियत का इम्तिहान ना लेना। ये पढ़ लेते हैं अंदर की पढ़ के सूरत - ए - अख्तियार।। In Budhe Ankhon Ne Dekhe Hain Tare Hajar Bahut Se Achche Bure Najare Hajar Inki iImiyat Ka Imtehan Na Lena Ye Padh Lete hai ander ki padh ke surat -e - akhteyar Adnan Rabbani's Shayari • इन #बूढ़े #आंखों ने #देखे हैं तारे #हजार। बहुत से अच्छे बुरे नज़ारे हजार।। इनकी #इल्मियत का #इम्तिहान ना लेना। ये पढ़ लेते हैं अंदर की #पढ़ के सूरत - ए - #अख्तियार।। In #Budhe #Ankhon Ne Dekhe Hain Tare Hajar Bahut Se Achche Bure Najare Hajar