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खेल रही थी कश्ति लहरों 🌊 से, ना जाने कब साहिल आ ग

खेल रही थी कश्ति लहरों 🌊 से,
ना जाने कब साहिल आ गया,
पतवार को कोई तक़ाज़ा ना था।
पहली बार मिला और ज़ख्मी हो गया,
मुझे आपकी धार का अंदाजा ना था।

                    ="हुड़दंगी" #वो_पहली_बार_हम_मिले 

#newday
खेल रही थी कश्ति लहरों 🌊 से,
ना जाने कब साहिल आ गया,
पतवार को कोई तक़ाज़ा ना था।
पहली बार मिला और ज़ख्मी हो गया,
मुझे आपकी धार का अंदाजा ना था।

                    ="हुड़दंगी" #वो_पहली_बार_हम_मिले 

#newday