तुम होते तो बात कुछ और होती। तुम होते तो बात कुछ और होती काश तुम होते तो बात कुछ और होती। तुम्हारे हाथों की उंगलियां मेरे बालो मे होती ऐसा तो नहीं है तुम नहीं हो तो सांसे चल नहीं रही है बस तुम्हारे बिना ज़िन्दगी कुछ थम सी गयी है। तू आँखों से भी दूर है तेरा रस्ता भी दूर है मेरे ज़ेहन पे तारी तेरी यादो का सरूर है। वो तेरी बेबाक हसीं वो तेरी अठखेलिया तेरा गुस्सा वो तेरा प्यार वो तेरी बातो का अंदाज़ क्यू आखिर तुम मेरे ख़्वाबों मे भी नहीं आती मे देखना चाहता हु तुम्हे कम्बख्त नींद ही नहीं आती तेरी मेरी मोहबब्त का एक मशहूर क़िस्सा हो गया ये जिस्मो का नहीं रूह से रूह का रिश्ता हो गया। तुम दिल मे ही नहीं हाथों की लक़ीरो मे भी होती काश तुम होते तो बात कुछ और होती। मे चाहकर भी तुमको भुला नहीं पाता दिल करता है मर जाऊ मर भी नहीं पाता। ये तो सच है तेरे आलावा कोई अहम् नहीं है तू मोहब्बत है मेरी ये कोई वहम नहीं है। ये आँखे हर किसी के लिए नम नहीं होती यार के बिछडने से मोहब्बत कम नहीं होती। मुझे याद है तुम कहती थी तुमसे शुरू तुमपे खत्म बस यही मेरे लिए खास है माना के तुम मीलों दूर हो मगर हर वक़्त दिल मे तेरा एहसास है। तुम रूठ जाती मे मना लेता तुम रोती मे हँसा देता मे कुछ रस्ता भी निका लता गर तुम कभी मुश्किलों मे होती काश तुम होते तो बात कुछ और होती। आशु कुरैशी ©Qureshi Boy #काश् तुम होते तो बात कुछ और होती। #Light