आलस है जीवन में ज़रूरी आलस के बिन जिंदगी अधूरी आलस है जिंदगी का अंग आलस के बिन जिंदगी में नहीं रंग (अधिक जानकारी के लिए कैप्शन में पढ़ें) तो देवियों और सज्जनों बिना किसी देरी के शुरुआत करते हैं आज की चर्चा। 🙏 (हाँ यदि आपको एक भी बात उचित लगे तो प्रोत्साहन के लिए तालियाँ भी बजा सकते हैं, वैसे ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है लेकिन बोलना मेरा कर्तव्य है ) बिना किसी आलस्य के हम चर्चा शुरू करते हैं आलस्य पर ,वैसे आप सभी इस बारे में जानते ज़रूर होंगे । इस प्रकार के व्यक्ति प्रायः हमारे आस पास ही पाए जाते हैं। और इनका प्रिय स्थल है घर और घर में भी बेड पर और कोई ऐसा वैसा बेड नहीं बेड स्विच वाला बेड चाहिए भई ।अरे कोई इज्ज़त है या नहीं, आख़िर इनके भी तो अपने शौक हैं। तो सबसे पहले बात आती है कि आलसी लोग आख़िर दिखते कैसे हैं? कुछ ख़ास अंतर नहीं होता आप सब में और आलसी लोगों में, वे हमारी तरह ही दिखते हैं और साधारण स्तनधारी, रज्जुकी और परपोषी होते हैं। वैसे तो कोई अधिक अंतर नहीं है मगर हाँ जो विशेष बात है, जो उन्हें औरों से अलग बनाती है वह है उनके भीतर पाया जाने वाला एक विशेष गुण, जिसे हम सभी आलस के नाम से जानते हैं। यह दुनिया ऐसे लोगों को आलसी, निठल्ला और कामचोर कहकर बुलाती है ।