मैं हिन्द का बेटा हूँ, ये मिट्टी मेरी है जात हर सहर मैं हूँ सूरज, हर चाँद मैं हूँ रात मैं आगरे की गालियाँ, लखनऊ की चिकनकारी मैं इत्र की सबा हूँ, कव्वालियों में तारी मैं गंगा की धार बहता, यमुना में नाव हूँ जो चले चार धाम अक्सर, मैं वो पाँव हूँ मैं गणपति की मूरत, मंदिर का हूँ दिया जो वकार तूने पहना, मैंने ही है सिया माथे की मैं हूँ बिंदया, आँखों का कोल हूँ जिस बात में वज़न हो, उसका मैं तोल हूँ मैं इंदौर का हुनर हूँ, मेरठ की शान हूँ माँझे की धार हूँ, पतंग की उड़ान हूँ शमशीर का हूँ लोहा, परचम का रंग हूँ हिन्द की हूँ साँस, धड़कन के संग हूँ तुम उंगलियाँ उठा कर, क्यूँ बता रहे हो घर में मैं हूँ मुहाज़िर, क्यूँ जाता रहे हो तुम कौन हो मुझपर, उँगली उठाने वाले गिरेबान मे मज़मून, दिखने लगे हैं काले मिट्टी मेरी, मेरा वतन, ये मेरा गुरूर है सरफरोश का मुझे, अब भी सुरूर है मैं हिन्द का बेटा हूँ, ये मिट्टी मेरी है जात हर सहर मैं हूँ सूरज, हर चाँद मैं हूँ रात हिन्द का वाक़ार #iforindia, #eyeforindia #mainbhihindostan #मैंभीहिन्दोस्तां