इन आँखों में तेरी नशा भरपूर है होठों पे ये मुस्कान तेरे चेहरे का नूर है गर महज़ सपने में ही तेरा दीदार होना है हर लम्हा मिले रहना इन पलकों को मंज़ूर है अच्छा खासा इंसान था अब आशिक बन गया इस हसीं सफर के पीछे बस तेरा कुसूर है आजकल मेरा ठिकाना सिर्फ मधुशाला है तेरे नाम का एक जाम रोज़ पीना ज़रूर है चाह कर भी मिल नहीं पाऊंगा तुझसे यही दुख है कि तू मुझसे दूर है तेरे बारे में सब जानता है ये दिल बावजूद इसके तुझपे मरने को मजबूर है बस तू #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #NashaTera #Baccha #LoveHerRespectHer