बस दिन यूही खाली जा रहा था .. तो सोचा कुछ गजल की जाए | पिता के समर्पण को ही अब...... शब्दो मे बूना जाए || कुछ शब्दो मे बुन लू , इतनी मे मूर्ख नहीं |.... उनकी पगडी का मान हू जो कभी झुकेगी ही नहीं || ये बात लाख सच हैं की मोहब्बत हमारे नजरो मे, यू दस्तखं कभी ना देगी | धिक्कार उस शब्द पे , जो उस पिता के समर्पण का मोल नहीं समजती || @कल्याणी तांगडे #anjaane_alfaaz #father's love #anjaane_alfaaz #BasManMeAayaLikhDiya