कितनी भी जोर कि ही क्यो न चलती हो आंधियां दीपक फिर भी अपनी ज़िद पर अड़ा है, चाहने वालों कि कमी नहीं इस मतलबी जहान में अकाल तो बस निभाने वालों का पड़ा है। ©Abhishek Kumar Pandey #Heartless_poet