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जब शरीर व मन को ठीक से प्रशिक्षित किया जाता है तभ

जब शरीर व मन को ठीक से प्रशिक्षित
 किया जाता है तभी शिक्षा को पूर्ण कहा
 जा सकता है स्वस्थ व्यक्ति ही श्रम की 
गरिमा समझ सकता है और आत्मनिर्भर 
बन सकता है... -मोरारजी देसाई

©VED PRAKASH 73
  #अमृत_कथन