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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“17/5/2021”*📚 🖋️ *“सोमवार”*

*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“17/5/2021”*📚
🖋️ *“सोमवार”*🖊️

इस “जीवन” में हमारी “माता”, “नानी”,
“दादी”, प्रातः उठकर सबसे पहले “स्नान” करती है,
क्यो समझ नहीं पाते ?
क्यों बात-बात पर “चोका” एंव “आंगन” 
“स्वच्छ” किया जाता है,
कुछ लोग इसे “धार्मिक अंधविश्वास” कहते है,
किंतु यदि “सत्य” कहा जाए 
तो हर “धर्म” “वैज्ञानिक” होता है,
हर “कर्म” के पीछे “विज्ञान” अवश्य होता है,
बस हर एक “व्यक्ति” उसके विषय में कितना सोचता है, 
क्या “समझता” है और क्या “कदम” उठाता है यहीं उतना महत्वपूर्ण होता है पर “विज्ञान” अवश्य है,
हम जब भी कहीं “बाहर” से “घर” आते हैं तो हमारे माता-पिता हमें “हाथ-पैर” एवं “मुंह” 
धोने के लिए बोलते है,
इसलिए यदि आप “स्वच्छ” रहेंगे 
तो आप “स्वस्थ” भी रहेंगे,
इसलिए “तन” और “मन” से “स्वच्छ” अवश्य रखें,
*“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“17/5/2021”*📚
🖋️ *“सोमवार”*🖊️

 #“स्नान”

#“चोका”
*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“17/5/2021”*📚
🖋️ *“सोमवार”*🖊️

इस “जीवन” में हमारी “माता”, “नानी”,
“दादी”, प्रातः उठकर सबसे पहले “स्नान” करती है,
क्यो समझ नहीं पाते ?
क्यों बात-बात पर “चोका” एंव “आंगन” 
“स्वच्छ” किया जाता है,
कुछ लोग इसे “धार्मिक अंधविश्वास” कहते है,
किंतु यदि “सत्य” कहा जाए 
तो हर “धर्म” “वैज्ञानिक” होता है,
हर “कर्म” के पीछे “विज्ञान” अवश्य होता है,
बस हर एक “व्यक्ति” उसके विषय में कितना सोचता है, 
क्या “समझता” है और क्या “कदम” उठाता है यहीं उतना महत्वपूर्ण होता है पर “विज्ञान” अवश्य है,
हम जब भी कहीं “बाहर” से “घर” आते हैं तो हमारे माता-पिता हमें “हाथ-पैर” एवं “मुंह” 
धोने के लिए बोलते है,
इसलिए यदि आप “स्वच्छ” रहेंगे 
तो आप “स्वस्थ” भी रहेंगे,
इसलिए “तन” और “मन” से “स्वच्छ” अवश्य रखें,
*“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“17/5/2021”*📚
🖋️ *“सोमवार”*🖊️

 #“स्नान”

#“चोका”
atulsharma6011

Atul Sharma

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