कुछ ऐसी रातें भी थे जब हम सब से छुप के मुस्कुराया करते थे और आज.........….. हम रातों को छुप छुप के रोया करते है तलाश खुशियों की करू तो कैसे कोई मुझे मुझसे तो मिलवाए क्यूं कहती है दुनिया की मै मुस्कुराती नहीं मेरी मुस्कान तो मेरे आंखों से पानी की तरह छलक जाती #मुस्कान_आंसू #me_you