शहर-शहर फैली है खबर ये,बदनाम इश्क में कोई हुआ है दिल-ए-सुकूँ का हर्जाना बुरा है बदनामियों का जुर्माना लगा है! जिनकी परवाह आदत है हमारी बुरी आदत है,हिदायत मिला है! दिल बैठे सौप हम हाथ जिनके,शख्शियत उन्हीं से उछाला गया है! उलझन यही कम नहीं हमारी,हमें उनके दिल से निकाला गया है! खबर लगेगी न उनको कभी ये,की अभी हाल बुरा हमारा हुआ है! राज-ए-अल्फाज कह के मिटाना,हमसे यूं मशला छिपाना बुरा है! रिश्ता है कोई आफत नहीं ये,बातें दिल में दफनाना बुरा है! अच्छे-बुरे हम अकेले सही थे,हमराज किसी को बनाना बुरा है! चलो अब ही सम्भलो मीत हमारे,मगर हमको यूं छोटा दिखाना बुरा है! कह देते हैं वो इशारों में सब कुछ,बाद बातों का बातें बनाना बुरा है! चोट कर गए हो यूँ दिल पे गहरा,अब छलावे का मरहम लगाना बुरा है! हम तो ठहरे विरानों के आशिक,मोहब्बत को वादी में छोड़ जाना बुरा है! जाओ न आना अब लौटकर तुमहमेशा यूं रुठना-मनाना बुरा है! समझ गए हम भी इश्क फरेबी,इल्जाम-ए-बेवफाई लगाना बुरा है! हमारी सुनो बात सच कह रही हूँ,परदेसियों से दिल लगाना बुरा है! खाओगे धोका तो सम्भल ना सकोगे,फिर न कहना के ये जमाना बुरा है! योगिनी ठहरी तन्हाई की दिवानी,यूं सन्नाटे में हलचल मचाना बुरा है! --#योगिनी जौनपुरी #nojato #Nojoto #life alwy in critical condition😁😁 #DesertWalk