दस्ते याद बज़्म में गुल शोख़ ख़ूब था अमृता भी ख़ूब थी इमरोज़ खूब था साहिर के लिए अमल एक रोज़ खूब था मशहूर ज़माने में रुबाईयाँ थी बेदस्तूर तेरा-मेरा फ़साना भी सरफ़रोश खूब था #toyou#yqmemories#yqstories#yqlove#yqfriendsdriveyoucrazy#waterly#Ilovewaterbodies#yqfunandfreedom