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रुठ जाता हूं मैं खुद से अक्सर. महफिलों में घुली तन

रुठ जाता हूं मैं खुद से अक्सर.
महफिलों में घुली तनहाइयां अक्सर.
मंजर फिका- फिका कुछ उदास हमसे.
महफिलों में घुली रुसवाइयां अक्सर.
मुझे पता तेरा आना एक बहाना था.
मेरी यादों में सजी तेरी परछाइयां अक्सर.
रूबरू हूं खुद से आज थोड़ा उदास हूं.
मेरे जिस्म में लिपटी आज खामियां अक्सर.
तूने बताई हमें तमाम रास्ते लौटने को घर को.
घरों में फैली मेरी बनाई दुश्वारियां अक्सर.
सोचा कुछ दूर और चलूँ तुम्हें मांग लूं खुदा से.
सनम मेरे ही रास्ते में सिमटी तनहाइयां अक्सर.
यह बनावटी तेरी फरेब और मोहब्बत.
मुझे जचती नहीं तेरी नादानियां अक्सर.

अवध की रचनाएं

 #Nojoto #Nojotohindi #kavita #तनहाई #खामोशी #नादानियां
रुठ जाता हूं मैं खुद से अक्सर.
महफिलों में घुली तनहाइयां अक्सर.
मंजर फिका- फिका कुछ उदास हमसे.
महफिलों में घुली रुसवाइयां अक्सर.
मुझे पता तेरा आना एक बहाना था.
मेरी यादों में सजी तेरी परछाइयां अक्सर.
रूबरू हूं खुद से आज थोड़ा उदास हूं.
मेरे जिस्म में लिपटी आज खामियां अक्सर.
तूने बताई हमें तमाम रास्ते लौटने को घर को.
घरों में फैली मेरी बनाई दुश्वारियां अक्सर.
सोचा कुछ दूर और चलूँ तुम्हें मांग लूं खुदा से.
सनम मेरे ही रास्ते में सिमटी तनहाइयां अक्सर.
यह बनावटी तेरी फरेब और मोहब्बत.
मुझे जचती नहीं तेरी नादानियां अक्सर.

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 #Nojoto #Nojotohindi #kavita #तनहाई #खामोशी #नादानियां