मेरी आहों को तराजू में कौन तोलेगा मेरी आहों से ताजमहल का दिल डौलेगा जनाजा रख दो रोक दो ये चांद सा मुखड़ा ताज विवि का मुस्कुरा के कुछ तो बोलेगा कुछ तो बोलेगा 😮😮 सत्तन प्रेम शायरी