शीर्षक - एक दिन मै भी चलूंगा।(खोटा सिक्का) मै सिक्का हूं खोटा, एक दिन मै भी चलूंगा। भीख में कभी मस्जिद में, पुजारी की थाली में मिलूंगा। ख़ुश हूं किसान के हाथो में, अमीर के लॉकर में न सडूंगा। हक चुरा न ले कही नोटे, मै मेरे हक की खातिर लड़ूंगा। मै सिक्का हूं खोटा, कभी तो मै भी चलूंगा। बार बार ठुकरा देते लोग, अब चप्पलों नीचे नहीं रहूंगा। अन्तिम विदाई में कही, ईश्वर के चरणों में रहूंगा। नादान बच्चे ही संभालते मुझे, बड़ों के लिए थो खोटा ही रहूंगा। पड़ा था गुल्लक में अच्छा खासा, वो भी तुड़वा दिया महगाई ने, मै अब महगांई से लड़ूंगा। @charpota_navin ©Navin #खोटा_सिक्का #Khota #paper