इस बिंदु सरीखे इंदु के दर्शन के पश्चात जब माँ अपनी संतति के लिए रखे गए व्रत का व्रत पारण करती है तो वो ख़ुद पर की गई उस औलाद की सारी ग़लतियों को मात्र इसलिए विस्मृत कर देती है क्योंकि उस संतान में दहाड़ने और दौड़ने वाला शोणित उसी की 9 महीने की तपस्या का परिणाम होती है। ©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #गणेशचौथ #सकटचौथ #शकरकंद #2022 @ Pankhudi Praveen Storyteller